जम्मू कश्मीर में दस साल बाद चुनाव हो रहे हैं तो लोकतंत्र की नई बयार दिख रही है। चुनाव से पहले जहां पहले बातें राज्य के दर्जे की बहाली को लेकर हो रही थीं वो अब आतंकियों के चुनावों से रिश्ते और केंद्र के प्रॉक्सी दलों को लेकर हो रही हैं।