गुलाबी नगरी जयपुर की दीवाली कुछ अनोखी ही है. यहां पर घरों को सजाने के साथ-साथ बाजारों और ऐतिहासिक इमारतों को भी सजाने की परंपरा है. सन 1772 में बसा यह शहर व्यापारियों और हस्तशिल्प के कारिगरों के लिए बसाया गया था. यहां आज भी अलग-अलग गलियों में हस्तशिल्प के कारीगर अपनी हस्तशैली के अनुसार रहते हैं. लेकिन इस साल बाजार की सजावट कुछ ख़ास है. क्योंकि यहां बाजार में इस बार सेना के जवानों को श्रृधांजलि देने के लिए ख़ास पोस्टर लगाए गए हैं.