क्या आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है, क्या यह राज्यों के विवेक पर निर्भर करता है, सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच के इस फैसले को लेकर आज संसद में यह मामला उठा. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 16(4) के तहत आरक्षण दिया गया यह एक इनेबलिंग प्रावधान हैं अधिकार नहीं है. आरक्षण में प्रोन्नति के एक मामले में सुनवाई के बाद यह फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह राज्यों के विवेक पर निर्भर करता है कि नियुक्ति या प्रमोशन के समय आरक्षण की ज़रूरत है या नहीं. यह मामला संविधान की समझ का भी है. इस जजमेंट के अध्ययन के बाद ही चर्चा उचित रहेगी. इस बीच जब इस फैसले के कारण सरकार पर हमला हुआ तो सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि न तो इस मामले में केंद सरकार पार्टी थी और न ही उसकी राय ली गई. जो भी होगा सरकार उच्च स्तरीय बैठक के बाद फैसला लेगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार की याचिका पर दी है. 2012 में तब कांग्रेस की सरकार थी. विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री थे जो अब बीजेपी में है.