नागपुर में RSS मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि लिंचिग से संघ के कार्यकर्ताओं का संबंध नहीं है. परन्तु कहीं न कहीं कानून और व्यवस्था की सीमा का उल्घन कर यह हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधो को नष्ट कर असर दिखाती है इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा. यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है. न ही हमारे संविधान में ये बैठती है. ऐसी घटनाओं में लिप्त लोगों का संघ ने समर्थन कभी नहीं किया है. ऐसे में लिंचिग शब्द देकर सारे देश हिन्दू समाज को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है. इस बयान को लेकर सियासत शुरू हो गई है. इसी को लेकर है आज के पक्ष-विपक्ष में हो रही है चर्चा