हालिया विधानसभा चुनावों के समय से कर्जमाफी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की है. यही नहीं झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में भी किसानों के हितों के लिए अलग-अलग योजनाओं की घोषणा की गई है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या किसानों को ख़ुश करने का तरीका सिर्फ़ कर्ज़ माफ़ी ही है? किसानों की मूल समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हो पाता? किसानों को उपज का सीधा और सही मूल्य क्यों नहीं मिल पाता? क्या किसानों की समस्याओं का समाधान सरकारी फ़ाइलों में बंद रह जाते हैं? क्या फ्री बिजली जैसे वादे किसानों की दूरगामी तकलीफ़ों को दूर कर सकते हैं?