45 साल पहले ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति की कीमत वहां किसी को चुकानी पड़ी तो महिलाएं हैं. ईरान ने विकास बहुत किया लेकिन परंपरा के नाम पर दकियानूसी सोच की बंदिशों में महिलाएं बंधी रहीं. हिजाब की जबर्दस्ती के खिलाफ वहां की एक नामचीन यूनिवर्सिटी की छात्रा ने कपड़े उतार कर प्रोटेस्ट किया तो पुलिस ने उसको उठा लिया। वो छात्रा तीन दिन से कहां है, किसी को पता नहीं. पूरे ईरान में इस पर एक डरावनी खामोशी छायी हुई है. ईरान में महिला अधिकारों के लिए लड़ने के कारण जेल में बंद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने कहा है कि महिलाएं अपने विरोध की कीमत चुकाती हैं। वो छात्रा भी चुका रही है.