खेल मंत्रालय की तरफ़ से 27 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार दिए गए खो-खो जैसे पारंपरिक खेलों में क़रीब दो दशकों बाद मिले इस पुरस्कार ने इससे जुड़े सैकड़ों लोगों का उत्साह दोगुना कर दिया है. महाराष्ट्र की 27 साल की सारिका काले की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि यह संघर्ष की प्रेरण देता है. खो खो के किसी खिलाड़ी को खेल दिवस पर 22 साल बाद पहली पुरस्कार मिला.