देश के जाने-माने इतिहासकारों, लेखकों और पत्रकारों ने रविवार को देश में बढ़ती असहिष्णुता की घटनाओं पर चिंता जताई। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम में इन बुद्धिजीवियों ने कहा कि लोकतंत्र, समाज और साझा संस्कृति पर हमले बढ़ रहे हैं और इसका मिलकर मुक़ाबला करना वक़्त की ज़रूरत बन गया है।