देश के 49 फ़िल्मकारों, इतिहासकारों, लेखकों और डॉक्टरों ने अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति के लोगों और विरोधी विचारधारा वालों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है. इनमें अदूर गोपालकृष्णन, अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल, रामचंद्र गुहा, सुमित सरकार समेत अन्य लोग शामिल हैं. इन्होंने चिट्ठी में ये भी कहा है कि जय श्री राम एक भड़काऊ नारा बन गया है, इसी को लेकर लिंचिंग के कई घटनाएं हुईं हैं. सरकारी और गैर सरकारी सूत्रों के हवाले से इन लोगों ने कुछ आंकड़े भी प्रधानमंत्री के सामने रखे हैं. वहीं इल मामले पर राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी के नेता नलिन कोहली ने कहा कि कुछ लोग अपराध का सांप्रदायीकरण करते हैं. उन्होंने कहा कि एक खास धर्म को लेकर कुछ होता है तो ये लोग तुरंत चिट्ठी लिख देते हैं. दूसरे धर्म के लिए चुप बैठ जाते हैं.