छोटा राजन की गिरफ्तारी एक तरह से भारतीय एजेंसियों की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या वाकई भारतीय एजेंसियों को राजन का पहले से पता था और वो उसकी मदद भी कर रही थीं? इस सवाल का एक बड़ा सबूत वो पासपोर्ट है, जो 2008 में छोटा राजन के लिए जारी किया गया।