मिशी चौधरी न्यूयार्क में साइबर लॉ एक्सपर्ट हैं. उन्होंने इस मुद्दे को काफी करीब से देखा है और प्रमुखता से उठाया है. उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों ये माला इतना गंभीर है. वैसे मोटी-मोटी बात ये है कि अगर पत्रकारों के फोन को इस तरह टैप किया जाने लगे तो बची खुची नमक बराबर पत्रकारिता है वो भी समाप्त हो जाएगी. हमारे पेशे में यह ज़रूरी है कि हम अपने सोर्स से होने वाली बातचीत को गुप्त रखें. अगर कोई फोन ट्रैक करेगा तो सोर्स बात नहीं करेंगे और इस तरह आपके पास सूचनाएं नहीं पहुंचेगी.