हिंसा के बाद दिल्ली अब अमन की राह पर है. सरकार अब लोगों को राहत पहुंचाने और शांति बनाए रखने में लगी है. हिंसा प्रभावित लोग अब अपने बिखरे घरों और जिंदगियों को समेटने में लगे हैं. रोजमर्रा का जीवन अब धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है. शुरुआत में अक्षमता का आरोप झेलने वाली दिल्ली पुलिस भी अब मुस्तैदी के साथ हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को पहचानने में और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है. पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है जिन्होंने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लैटफॉर्म का दुरुपयोग करते हुए हिंसा भड़काने या अफवाह फैलाने और लोगों को उकसाने का काम किया है. गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली हिंसा में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर बैठक की है. सवाल है कि मुकाबला : सोशल मीडिया की आजादी और अराजकता में अंतर कैसे करें? और दिल्ली की आग को सोशल मीडिया ने कितना भड़काया?