यूरोपीय संघ के 27 सांसद भारत आए, लेकिन केवल 23 सांसद ही कश्मीर गए. कड़ी सुरक्षा में उन्हें श्रीनगर घुमाया गया. वो सेना मुख्यालय भी गए लेकिन आज उन हिरासत केंद्रों को नहीं देख पाए जहां राज्य के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री बंद हैं. वो पंचायत सदस्यों से मिले, बीजेपी और जेडीयू के सदस्यों से मिले, लेकिन वहां मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के सांसदों से उनको दूर रखा गया. नेशनल कॉन्फ़्रेंस के सांसदों ने ये शिकायत की. वैसे श्रीनगर पहुंचने से पहले ही ईयू सांसदों के रुझानों को लेकर सवाल खड़े हो गए. इन सांसदों में ज़्यादातर दक्षिणपंथी रुझानों वाले हैं. यही नहीं, अब ये बात खुल रही है कि इन सांसदों के पीछे एक ऐसा एनजीओ है जिसके बारे में किसी को ज्यादा कुछ नहीं मालूम है. इस एनजीओ ने सांसदों को ईमेल किए कि उनको सीधे पीएम से मिलाया जाएगा.