40 डिग्री तापमान वाली तपती धूप में महिलाएं अपने घड़े लिए सड़क किनारे बैठी मिलती हैं, ताकि टैंकर आए और उनकी प्यास बुझाने का इंतज़ाम हो पाए. दो दिन में एक बार ये टैंकर आता है. अगर इससे पानी नहीं मिला तो तीन किलोमीटर दूर जाइए और पानी भर कर लाइए. मुसीबत उन बुज़ुर्ग महिलाओं की ज़्यादा है जो कतार में पीछे छूट जाती हैं और पानी भरने के लिए बहुत दूर तक नहीं जा सकतीं. हालत ये है कि पानी के लिए धक्कामुक्की होती है, झगड़ा होता है और किसी को चोट भी लग जाती है.