समय आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन रोना-बिलखना और चीख चिल्लाहट की आवाज़ जैसे पीछा नहीं छोड़ रही है. हमें यहां ऐसे लोग भी मिले जो अपने पूरे परिवार के साथ सत्संग में शामिल होने के लिए आए थे. भगदड़ मची तो घर के सभी सदस्य इधर-उधर बिखर गए और आखिर में पता चला कि जो अकेला आदमी घर से सभी लोगों को ढूंढ रहा था उसने दरअसल पूरे परिवार को खो दिया.