मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र. इस योजना का मक़सद लोगों को महंगी दवाओं से निजात दिलाना है और वैसी ही दवाएं कम क़ीमत पर मुहैया कराना है. इस योजना की शुरुआत 2008 में हुई, लेकिन 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दोबारा लॉन्च किया. योजना अच्छी है, लेकिन जन औषधि केंद्रों में अच्छी किस्म की दवा की सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है. कई जगह ये दवा पहुंचती ही नहीं, कई जगह डॉक्टर इन्हें लिखते ही नहीं, कई जगह दवाओं का रख-रखाव ही बहुत ख़राब होता है. हमने दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जन औषधि केंद्रों का जायज़ा लेकर ज़मीनी हक़ीक़त पता करने की कोशिश की.