आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी नरमी के रुख को पलटते हुये चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. आर्थिक वृद्धि में आई इस तेजी में विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ी गतिविधियों और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के साथ कारोबारियों का तालमेल बैठने को बड़ी वजह माना जा रहा है.