कृषि आंदोलन (Farmers Protest) के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पिपरिया गांव के किसानों को न्याय मिलने के दावे पर सवाल उठने लगे हैं. यहां 4 साल से धान (Paddy) के लिए किसानों से अनुबंध की बात थी, लेकिन इस बार उनके साथ धोखा किया गया था. सरकार का दावा है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के तहत पहली बार किसी कंपनी को सजा दी गई. अनुबंधों की जो प्रति किसानों को दी गई है, उसमें कोई सील नहीं थी. 10-20 एकड़ में धान करने वाले कई किसानों का कहना है कि फार्च्यून के साथ धान का अनुबंध था, लेकिन कंपनी का कहना है कि सैंपल फेल (Sample Test) हो गया है. किसानों का कहना है कि कंपनी ने दूसरा कीटनाशक डालने की बात कहकर सैंपल फेल कर दिया.