सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर एक समिति बनाते हुए इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. समिति के सदस्य दो महीने तक विभिन्न संगठनों से चर्चा करके अपनी रिपोर्ट देंगे. समिति की पहली बैठक दस दिनो में होगी. किसान नेताओं ने साफ किया है कि वे किसी कमेटी से बात नहीं करेंगे. समिति में कृषि कानूनों के समर्थक हैं. वे लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन के साथ सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखेंगे. अगर हमें अड़ियल कहा जाता है तो कहें लेकिन हम आंदोलन को कमजोर करने की किसी भी पहल का हिस्सा नहीं बनेंगे. किसान नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति में कृषि कानूनों के पैरोकारों को जगह देने पर सवाल उठाया है. किसानों का रुख बता रहा है कि सरकार को दो माह के पहले किसी फैसले पर पहुंचना होगा