तीसरा नंबर मेरा था : हाशिमपुरा का चश्मदीद जुल्फ़िकार

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  • प्रकाशित: मार्च 30, 2015
हाशिमपुरा केस के पहले चश्मदीद जुल्फ़िकार की जुबानी, गोली जिसके जिस्म के एक हिस्से से आर पार गुजर गई और वह दम साधे झाड़ियों में दुबके रहे, रात के अंधेरे का फायदा दोनों को मिला, पुलिसवाले उन्हें मरा समझ कर छोड़ गए, लेकिन वह भी अंधेरे में उनकी शक्ल नहीं देख पाए।

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