बिहार के डॉक्टर शंकर दयाल सिंह सांसद भी रहे. कई रचनाएं भी लिखीं जिनमें उनकी यादों के घेरों में, कहीं सुबह कहीं शाम, इमरजेंसी क्या सच क्या झूठ, राजनीति की धूप और साहित्य की छांव कुछ एक रचनाएं हैं. राजनेता, सांसद ऑफ साहित्यकार शंकर दयाल सिंह के जन्म दिवस पर दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बेटी रश्मि ने कहा कि वे महामानव थे जिनके भीतर माइंड, बॉडी और सोल का परफेक्ट बैलेंस था और यही वजह है कि उनका परिवार बहुत बड़ा है.