पतझड़ की उदासी लाखों करोड़ों बच्चों के ज़हन पर छाई रहती है. बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जो इम्तहान को मौज की तरह लेते हैं, ज़्यादातर के घरों में दिन पर ओपिनियन पोल और एग्ज़िट पोल होता रहता है कि इसमें कितना आएगा, इसमें कम आएगा तो उसमें कैसे मेक अप होगा. इन दिनों कई बच्चों का व्यवहार बदल जाता है.