राजस्थान में विपक्ष और सिविल सोसाइटी का दबाव उस विवादित अध्यादेश पर इतना ज्यादा बढ़ गया कि राजस्थान सरकार को अपने पैर वापस खींचने पड़ रहे हैं. इस विवादित अध्यादेश पर जिसमें सरकारी कर्मचारियों को जांच और किसी भी तरह के कार्रवाई से बचाने के लिए पहले मंजूरी की आवश्यकता बताई गई थी.