पैदल चलते-चलते मजदूरों ने रास्ते बदले, अब साधन भी बदल गए हैं. अब जो तस्वीर आ रही है उसमें यह दिख रहा है कि बड़ी संख्या में मजदूर ट्रक, टेंपो और टैंकर के ऊपर लदकर जा रहे हैं. जिसके पास मुंबई में ऑटो है वह उस छोटे से ऑटो में भी सफर करने लगा है. जिसके पास समान ढोने वाले टेंपो हैं उसमें वह परिवार के साथ जाने लगे हैं. इन ट्रकों के भीतर की अगर आप तस्वीर देखेंगे तो पता चलेगा कि इन ट्रकों में क्षमता से कहीं ज्यादा मजदूर सवार हैं. इनसे हवाई जहाज के बराबर पैसे लिए गए हैं. कोई तीन हजार तो कोई चार हजार रुपये देकर इन ट्रकों में सवार है. पिछले दिनों हमने दिखाया था कि किस तरह मजदूर साइकिलें खरीद रहे हैं. अब इन ट्रकों पर साइकिलें भी लदी हैं और इन साइकिलों का अलग से किराया है. अब साइकिलों की भी ब्लैक मार्केटिंग होने लगी है.