कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हो चुकी है. लेकिन तीसरी लहर का अंदेशा हमारे डॉक्टर और वैज्ञानिक जता रहे हैं. ऐसे में बीते दिनों ऑक्सीजन की कमी से मचे हाहाकार जैसे हालात से निपटने के लिए सीख लेने की जरूरत है. उसे नकारने की नहीं. सरकार के रूख पर कई सवाल उठ रहे हैं. हम आगामी चुनौतियों का सामना अपनी गलतियों में सुधार से क्या नहीं कर सकते? गलतियां मनुष्यों, मंत्रियों और सरकारों से हो सकती है. लेकिन उसको खारिज करने से हम क्या संदेश देना चाहते हैं.