किस तरह से प्रवासी मजदूरों के पलायन ने राज्यों की सीमाओं को सरहद में बदल दिया है. वहां पर पहुंचकर अपने ही देश का मजदूर एक तरह से पराया होने लगा है. सर्टिफिकेट और प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया में उलझा हुआ. सरकार द्वारा एक बड़ा ऐलान किया गया है. जब भी कोई योजना इस तरह से घोषित की जाएगी कि वह ऐतिहासिक है तो थोड़ा सतर्क रहना सीख लेना चाहिए. जैसे 'र' की तुकबंदी मिलाकर एक राष्ट्र एक राशन सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है. पर जब राष्ट्र का उच्चारण करते हैं तो थोड़ा सत्यता का भी अंश होना चाहिए . सरकार द्वारा घोषित इस योजना को पिछले साल ही घोषित कर दिया गया था , जिसे फिर से पेश किया गया है.