जब जनता बैंक में पैसा जमा करती है तो इस उम्मीद से की वो वहां महफ़ूज़ होगा. सुरक्षा का भरोसा होता है. खासकर, नोटबंदी के बाद अब ज्यादातर लेनदेन बैंकों के माध्यम से ही होता है. आपने बैंक पर चोरों का डाका सुना होगा, ऑनलाइन फ्रॉड सुना होगा, लेकिन जब रिज़र्व बैंक ही पैसे विथड्रॉ करने पर एक सीमा लगा दे 1000 रुपये या 10,000 रुपये तो सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर बैंक पर नहीं तो किस पर करें भरोसा?