आपने फिल्मों में वो तस्वीर तो देखी होगी जिसमें मास्टर की डर से बच्चा मेज के नीचे छिप जाता है. मुझे वाट्सएप का इनबॉक्स भी उसी तरह से उस मेज की तरह दिखता है जिसके नीचे बहुत से सरकारी कर्मचारी चुपके-चुपके एक आदेश पत्र भेजे जा रहे हैं. वो कह रहे हैं देखने के लिए कि उन्हें जबरन रिटायर किया जा रहा है. 50-55 साल की उम्र के लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा. इसी वाट्सएप के इनबॉक्स से राष्ट्रवाद को कितनी उर्जा मिलती है. वो उर्जा कहा चली गयी है? अगर रिटायर करने वाली यह नीति या आदेश ठीक नहीं है तो खुलकर बोलिए.