राजस्थान की परंपराओं का एक हिस्सा रहे हैं वहां के पशु मेले. ख़ासतौर पर पुष्कर और नागौर के पशु मेले तो सबसे मशहूर रहे हैं. लेकिन अब ये पशु मेले भी धीरे धीरे ख़त्म हो रहे हैं. वजह ये है कि कथित गोरक्षकों की हिंसा के डर से लोग अब मवेशियों को यहां ख़रीद बिक्री के लिए लाने में डर रहे हैं. नतीजा किसान अब गाय बैल को पालने में भी डरने लगे हैं. हमारे सहयोगी अरुण हर्ष ने इस बार चार से ग्यारह सितंबर तक चले इस मेले का जायज़ा लिया और जानने की कोशिश की कि इस समस्या का हल कैसे हो.