जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जिस प्रकार से एक के बाद एक बयानबाजी आरंभ हुई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण भी है और चिंता का कारण भी है. चिंता केवल सरकारों की, राजनीतिक दल विशेष की नहीं है, बल्कि हमारे समाज की है. यदि सेना की आड़ ले करके राजनीति करने का प्रयास करते हैं थोड़े बहुत फायदे के लिए तो भला किस प्रकार के प्रजातंत्र के मूल्यों का यह पालन हो रहा है.