हर दिन हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर भोपाल से निकल रहे हैं. सरकारी मदद नाकाफी है. ऐसे में भोपाल के पास विदिशा बाईपास रोड पर कुछ लोग 8 मई से ही श्रमिकों को समस्याओं का व्यक्तिगत तौर पर ही हल करने की कोशिश की है. यह कोशिश आज एक बड़ा कारवां बन चुका है.