सिटीज़नशिप अमेंडमेंट बिल यानी की नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को संसद में पेश होगा. इसको लेकर एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में दो फाड़ हो गया है. इस बार तो ये मुद्दा ही कुछ ऐसा है. बीजेपी के अपने कुछ घटक दल इसके खिलाफ हैं. दरअसल सरकार कहती है कि मुसलमान छोड़कर पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, पारसी, जैन, ईसाई सबको भारत की नागरिकता मिल सकती है. सरकार की दलील है अपने पड़ोस में इन समुदाय के लोग जो अपने मुल्क में अल्पसंख्यक होने के नाते पीड़ित हैं, उनको भारत नागरिकता और सम्मान देना चाहती है. विपक्ष का कहना है कि धर्म के नाम पर नागरिकता जैसा क़ानून लाना तो संविधान के आर्टिकल 14 के ख़िलाफ़ है. लेकिन आज हमारे सवाल संवैधानिक भी होंगे और राजनीतिक भी. कुछ सीधे सवाल हैं जिसके जवाब लोग चाहते हैं.