केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य सरकारें नागरिकता कानून को विरोध करने का कोई अधिकार नहीं हैं. राज्य सभा में भी स्वपन दासगुप्ता ने यही सवाल गृहमंत्री से पूछा था तो अमित शाह ने कहा था कि सभी राज्यों को लागू करना पड़ेगा. फिर भी यह मामला विरोध के स्तर पर टकराव का कारण बन गया है. गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता कानून को नहीं लागू करेंगे. केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ ने ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस पारटी जो फैसला करेगी हम वही करेंगे. क्या हम ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहेंगे जो बंटवारी का बीज बो रहा हो. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसे लागू नहीं करेंगे. बंगाल में ममता बनरजी ने कहा है कि किसी भी हालत में नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे और 16 दिसंबर से अंबेडकर प्रतिमा के सामने तीन दिनों के लिए प्रदर्शन करेंगी. यही नहीं पूरे राज्य में इस बिल के विरोध में रैलियां करेंगी. ममता ने कहा कि बंगाल में नागरिकता रजिस्टर की प्रक्रिया लागू नहीं होने देंगे. जब तक वे सत्ता में हैं, किसी भी बांशिदें को देश छोड़ कर नहीं जाना होगा.