घटना के बाद बहुत सारे मैसेज और वीडियो वायरल होने लगते हैं. इससे बचना चाहिए. इस तरह के मैसेज और भी बेचैनियां पैदा करते हैं. आपस में फैलाने से अच्छा है कि इसे किसी ज़िम्मेदार को ही पहुंचाएं. सोशल मीडिया पर आज एक तस्वीर वायरल हुई. हर कोई ये मेसेज फार्वर्ड करने में लगा है कि यह दिल्ली पुलिस का सिपाही नहीं है. शाहीद को बचा रही लड़कियां आगे आती हैं तब यह लाल टी शर्ट वाला जवान रुक जाता है. इसे लेकर बाद में अफवाह फैली कि ये एबीवीपी का कार्यकर्ता है और दिल्ली पुलिस की वर्दी पहन कर मार रहा है. अफवाह फैलाने वालों ने काफी मेहनत की. किसी भरत शर्मा का फेसबुक प्रोफाइल खोज लाए और इनके चेहरे से मिलाने लगे. बाद में दिल्ली पुलिस ने उस सिपाही को ही पेश कर दिया कि यह भरत शर्मा नहीं हैं, अरविंद है.