भारत में सबसे ज़्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. साल 2015 में भारत में पांच लाख सड़क हादसे हुए जिनमें क़रीब डेढ़ लाख लोगों ने जान गंवाई और पांच लाख लोग घायल हुए. बीते साल 2018 में ही देश में 4 लाख 67 हज़ार सड़क हादसे हुए जो 2017 के मुक़ाबले आधा फीसदी ज़्यादा थे. हर साल होने वाले ऐसे सड़क हादसों में जो माली नुकसान है वो देश के जीडीपी के तीन से पांच फीसदी तक है. जान के नुकसान की कोई क़ीमत नहीं लगाई जा सकती. करीब छह साल पहले फरीदाबाद के रहने वाले मनोज वाधवा ने ऐसे ही गड्ढे की वजह से अपने बेटे को खो दिया. उनकी पत्नी के दोनों पैर बुरी तरह ज़ख्मी हो गए. तब से ही मनोज वाधवा हाइवे पर गड्ढे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दिलाने की मुहिम में जुटे हैं. ये जरूरी है कि ऐसे लोगों की जिम्मेदारी तय की जाए.