बिहार में गांधी जयंती के दिन जैसे ही जातिगत सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा के विशेष सत्र में पेश करने की घोषणा की, लेकिन सर्वे के आंकड़ों के अनुसार राज्य में वर्तमान में शैक्षणिक और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का अनुपात सामान्य नहीं है.