पुणे में भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में वाम विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर बहस जारी है. मगर एनडीटीवी द्वारा यलगार परिषद में दिये गये भाषणों के वीडियो की समीक्षा के मुताबिक, पुणे में आयोजित यलगार परिषद में कार्यकर्ताओं और वाम विचारकों ने संविधान बचाने का संकल्प लिया था. पिछले साल दिसंबर के अंत में आयोजित यलगार परिषद के नाम से जाना जाने वाले सभा पर माओवादी हिंसा की साजिश रचने और भीमा कोरेगावं हिंसा भड़काने का आरोप है. देश भर से कार्यकर्ताओं और वाम विचारकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का आधार यलगार परिषद में दिये गये भाषणों को ही माना जा रहा है.