सुप्रीम कोर्ट से आ रही इस ख़बर को नोट किया जाना चाहिए. बल्कि ये खबरें चिन्ता में डालने वाली हैं. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ FIR रद्द करने की याचिका लगाई थी. इस याचिका पर सुनवाई से तीन बेंच और पांच जजों ने अलग कर लिया है. इनमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल हैं. आज पांचवे जज जस्टिस रवींद भट्ट ने भी इस मामले से किनारा कर लिया. जब यह मामला तीन जजों की बेंच जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई के सामने आया तो तीनों जजों ने सुनवाई से अलग कर लिया. गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर बांबे हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है जो 4 अक्तूबर को समाप्त हो रही है. आखिर इस केस में ऐसा क्या है, कि पांच पांच जज खुद को सुनवाई से अलग कर रहे हैं.अभिषेक मनु सिंघवी और नित्या रामाकृष्णन गौतम नवलखा के वकील हैं.यह खबर यहीं समाप्त होती है.क्योंकि ख़बरें ऐसे ही समाप्त होती जाती हैं.