भीमा- कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में नक्सल से जुड़े होने के आरोप में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने फैसला दिया कि हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वरनन गोन्जाल्विस और अरुण फरेरा, छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले गौतम नवलखा को जमानत नहीं दी जाएगी और अगले चार हफ्ते तक उन्हें घर में नजर बंद रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले की SIT से जांच नहीं कराई जाएगी.