वाट्सएप के जरिए भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई. इस बात का खुलासा अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने किया है. वाट्सएप ने भी माना है कि लोकसभा चुनावों के दौरान इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर जासूसी की गई. इसका शिकार हुईं सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने बताया कि इस तरह का चीजें निजता का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के सिटिजन स्लैब डिपार्टमेंट ने उन्हें जानकारी दी है कि इसके पीछे देश की सरकार ही जिम्मेदार है.