बांग्लादेश में तख़्तापलट के बाद से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, ख़ासकर हिंदुओं पर हमले तेज़ हो गए हैं। समुदाय से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। इस्कॉन के दो मंदिरों को निशाना बनाया गया। इस हिंसा के ख़िलाफ़ बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन भी हो रहे हैं। पीड़ितों के साथ समझदार और जागरूक लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं। लेकिन हिंसा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। अल्पसंख्यक समाज ख़ौफ़ में जी रहा है। ये हालात बांग्लादेश की आंतरिक स्थिरता के लिए ख़तरा बने हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता भी बढ़ा रहे हैं।