सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक और अहम मामले में अपना फ़ैसला सुनाया है. ये मामला है केरल के सबरीमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश से जुड़ा है. पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से 10 से पचास साल की रजस्वला महिलाएं सबरीमला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं लेकिन महिला अधिकारों से जुड़े लोग इसका विरोध करते रहे हैं. उनकी याचिकाओं पर 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला देते हुए हर उम्र की महिलाओं के सबरीमला मंदिर में जाने की इजाज़त दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस फ़ैसले को फिलहाल कायम रखा है लेकिन इसके साथ ही कई अन्य धर्मों में महिलाओं के अधिकारों से जुड़ी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच को सौंप दिया है. 3-2 के बहुमत से सभी याचिकाओं को सात जजों की बेंच को भेज दिया गया.