उत्तराखंड के जंगलों की धधकती तस्वीरों को देखते ही कई लोगों ने लेख लिखा कि ये संकट 'मैन मेड' है। 'मैन मेड' का मतलब होता है कि प्रकृति ने नहीं, इंसान ने इसे बुलाया है। लेकिन इस 'मैन मेड' का कोई चेहरा नहीं होता। लेकिन यहां 'मैन मेड' के दो चेहरे हैं। एक चेहरा सरकार और उसके बनाए कानून का भी है।