Generic Medicine: दवाओं को किफ़ायती बनाने और आम लोगों की जेब की पहुंच में लाने की दिशा में भारत सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना काफ़ी लोकप्रिय है. ये योजना 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा जन औषधि योजना के नाम से शुरू की गई थी. 2016 में इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना कर दिया गया. इसके तहत लोगों को ब्रैंडेड दवाओं के समकक्ष जेनेरिक दवाएं सस्ती कीमतों पर मुहैया कराई जाती हैं. इस सिलसिले में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 7 मार्च को जनऔषधि दिवस के तौर पर मनाया जाता है. जेनेरिक दवाओं को लेकर कई बार लोगों के मन में झिझक देखी जाती है कि कम कीमत में मिल रही हैं तो क्या उतनी इफेक्टिव होंगी या नहीं जितनी ब्रैंडेड दवाएं होती हैं? Expert से समझिए.