महिला आरक्षण बिल लोकसभा में एक बार फिर प्रस्तुत कर दिया गया है, और इस पांचवीं कोशिश में इसके पारित हो जाने की संभावना भी साफ़ नज़र आ रही है. देश की संसद के निचले सदन, यानी लोकसभा एवं सभी राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण की गारंटी देने वाले इस विधेयक के लागू होने पर निश्चित रूप से महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, और महिला सशक्तीकरण की दिशा में भारत के प्रयास सार्थक होंगे.