2017 में जब सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक़ को असंवैधानिक घोषित किया तो तमाम बातें हुईं कि इसे रुक जाना चाहिए. लेकिन सरकार की एक पहल जिसमें ट्रिपल तलाक देने वालों पर आपराधिक कार्रवाई हो. उस पर राजनीतिक बवाल तब से लेकर आज तक चल रहा है. कई बार संसद में पेश होकर, हारकर, विधेयक के रूप में आकर ये बिल फिर से लोकसभा में पास हो गया है. राज्यसभा में इसपर आगे चर्चा होना बाकी है. सारा बवाल ट्रिपल तलाक़ को आपराधिक बनाने के ऊपर है.