2 साल की कोशिश के बाद मोदी सरकार ने आखिरकार राज्यसभा से भी तीन तलाक़ बिल पास करा लिया. इसके साथ ही ये विधेयक अब जल्द ही क़ानून बन जाएगा. ये सरकार की बड़ी जीत है और राज्यसभा में विपक्ष की बड़ी हार। हार और जीत तो लगी रहती है लेकिन अहम होता है कि आप लड़े कैसे? विपक्ष बिल पर गंभीर सवाल उठाता रहा लेकिन कांग्रेस के 4, एनसीपी के दो सांसद जिसमें शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं ग़ैरहाज़िर रहे. नामी वकील केटीएस तुलसी और रामजेठमलानी भी वोटिंग के वक़्त मौजूद नहीं थे. क्या ये माना जाए कि विपक्ष राज्यसभा में बहुत खोखला हो गया है? इसी मुद्दे को लेकर हम उठा रहे हैं तीन सवाल. 1- क्या विपक्ष विहीन हो गई है देश की राजनीति? 2- क्या पंगु बना विपक्ष ही हो जाएगी राज्यसभा की आने वाले समय में हक़ीक़त? 3- क्या अब मोदी की टक्कर में कोई नहीं?