क्या यह पहला मौका था जब भारत के गृहमंत्री कश्मीर के चुनावों में हुई धांधली को स्वीकार कर रहे थे,चुनाव आयोग से लेकर पहले की सरकारों पर सवाल उठा रहे थे? सवाल है. अमित शाह के भाषण के बाद उनके इतिहासबोध की तारीफें होने लगीं. पर क्या वे इतिहास के तथ्यों को उसकी संपूर्णता या समग्रता में रख रहे थे या अपने हिसाब से चुनाव कर रहे थे.