भोपाल में कोरोना के एक मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा था. इस दौरान उसकी मौत हो गई. मौत होने पर एंबुलेंस वाले उसकी पार्थिव शरीर को वहीं-कहीं रखकर रवाना हो गए. बहुत बार हम ऐसी कहानियों पर विचलित हो जाते हैं. लेकिन अब समझने की जरूरत है कि जो हमारे हेल्थ वर्कर हैं उन्हें भी ट्रेनिंग और मनोवैज्ञानिक सलाह की जरूरत है. ताकि वे इस तरह का व्यवहार न करें.