मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने राज्यभर के कॉलेजों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं की लिखी गई पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करना अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है. उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जहां विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे एक विभाजनकारी विचारधारा को बढ़ावा देने का प्रयास बताया है. वहीं, बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का कहना है कि पहले एक राष्ट्र-विरोधी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा था।